ट्रकिंग न्यूज, नई दिल्ली
28 मई 2020
कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बहुत भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
एआईएमटीसी के पूर्व अध्यक्ष बाल मल्कैत सिंह के मुताबिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर में इस समय रोजाना दो हज़ार करोड़ का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन में फैक्ट्रीज बंद होने के कारण अशोक लीलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा व टाटा जैसी बड़ी कंपनियां भी भारी नुकसान के घेरे में आ चुकी हैं।
दूसरी तरफ ट्रक ड्राइवर्स की बात करें तो कोरोना का प्रकोप इनके जीवन में भी आर्थिक संकट लेकर आया है। हज़ारों ड्राइवर्स लॉकडाउन के समय में ट्रक्स का पहिया ठप हो जाने की वजह से घोर संकट का सामना कर रहे है।
कोरोना काल की मार से जूझ रहे देश को केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज द्वारा राहत दी जिसमें कृषि, शिक्षा, उद्योग जैसे सभी सेक्टर्स का ध्यान रखा गया। लेकिन ट्रांसपोर्ट सेक्टर को इस पैकेज से लगभग वंचित रखा गया है। यह पैकेज न मिलने से बीस लाख ट्रांसपोर्टर्स को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।
जबकि ट्रांसपोर्ट सेक्टर की ओर से एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल ने खुलकर सरकार से सहायता की मांग की जिसमें उन्होंने ईएमआई, टैक्स, मोटर बीमा, नेशनल परमिट, गुड्स टैक्स में छूट और ट्रक ड्राइवर्स के लिए पच्चास लाख रुपए का सुरक्षा बीमा देने के मुद्दे उठाए।
सरकार को ट्रांसपोर्ट सेक्टर कि सहायता के लिए आगे आना चाहिए ताकि लाखों लोगों के रोजगार पर जो संकट है उसका समाधान किया जा सके।
लेकिन ट्रांसपोर्ट सेक्टर के मदद पर सरकार की चुप्पी अभी तक बरकरार है।
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कुणाल मिश्रा
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