TNI नई दिल्ली 19 मई 2020
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में सड़कों पर केवल पंद्रह प्रतिशत यानी कि कुल पच्चीस लाख कमर्शियल व्हीकल ही सेवा में लगे हुए हैं।
ट्रांसपोर्टर मुकेश चेतक ने बताया कि लॉकडाउन के दिनों में कोई ऑर्डर या किसी तरह की डिमांड ना आने की वजह से हाईवेज पर या अन्य शहरों में फंसे हुए ट्रकर्स अभी तक नहीं निकाल पाए हैं।
लॉकडाउन के वजह से अर्थवयवस्था में मंदी आना तय है , मंदी के इस दौर में ऐसे अनेकों बड़े ट्रांसपोर्टर्स हैं जिन्हें ट्रक्स की ईएमआई चुकाने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि सरकार की ओर से इस वक्त ईएमआई को लेकर थोड़ी राहत दी गई है। जिसे देखते हुए टाटा मोटर फाइनेंस जैसी बड़े पैमाने कि कंपिनैयों ने भी अपने लोन की औसतन ब्याज दरों की कीमतों में कटौती भी की हैं जिससे ट्रांसपोर्टर्स को लोन चुकाने में बोझ न महसूस हो।
वहीं महिंद्रा लॉजिस्टिक्स के सीओओ ने बताया कि लाखों की संख्या में ट्रांसपोर्टर्स अपने वर्तमान व्यवसाय को बदलने की सोच रहे हैं। जो ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में हड़कंप मचा सकता है। ऐसे में देश में ट्रक ड्राइवरों की कमी हो जाएगी आने वाले वक्त में इससे होने वाले नुकसान से उबारना बहुत मुश्किल साबित हो सकता है।
लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण मे ट्रांसपोर्ट सेक्टर और ट्रक ड्राइवर कि अहम भूमिका होने वाली है , सरकार को चाहिए इस सेक्टर को भरपूर मदद करे ताकि देश के आर्थिक मोर्चे पर आने वाले चुनौतियों का सामना प्रभावी ढंग से किया जा सके.
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